आखिर किन कारणों से यासीन मलिक को हुई उम्रकैद की सजा?

New Delhi: देश में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. दिल्ली की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला सुरक्षित रखा था. वहीं NIA से जुड़े सूत्रों से पता चला है कि NIA (National Investigation Agency) ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की थी. कोर्ट के बाहर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी थी. पटियाला कोर्ट के बाहर CAPF, स्पेशल सेल के जवान तैनात किए गए थे.

इससे पहले यासीन मलिक को पटियाला कोर्ट लाया गया था. यहां सजा को लेकर बहस हुई थी. जिस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. वहीं कल कोर्ट ने यासीन मलिक को कोर्ट ने दोषी ठहराया था. कोर्ट ने कहा था कि मलिक ने ‘आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनियाभर में एक नेटवर्क बनाया था. NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 May 2017 को केस दर्ज किया था. मामले में करीब 10 से 12 लोगों के खिलाफ 18 January 2018 को चार्जशीट फाइल की थी. इसके बाद 7 March 2019 को यासीन मलिक को NIA  ने अरेस्ट किया था.

NIA ने कोर्ट में कहा था कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की ISIS के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला किया. इससे घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया गया.

2 thoughts on “आखिर किन कारणों से यासीन मलिक को हुई उम्रकैद की सजा?”

Leave a Comment

%d bloggers like this: